बीकानेर जिले का संपूर्ण इतिहास | बीकानेर में धुमने की जगह | बीकानेर जिला दर्शन

History of Bikaner District,bikaner ka ithas

परिचय-   जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र राठौड़ राव बीकाजी सन 1488 मे बीकानेर शहर की स्थापना की थी। इससे पहले यह स्थान राती घाटी के नाम से जाना जाता था। सबसे पहले इस शहर को आजाद होने से पूर्व विक्रम संवत 1542 में पिताजी ने राती घाटी किस जिले पर अपना एक छोटा सा किला बनवाया था जहां वर्तमान में लक्ष्मी नाथ जी के मंदिर के सामने गणेश जी का मंदिर है बीकानेर रसगुल्ला भुजिया और पापड़ उद्योग के लिए भी पूरे भारत में प्रसिद्ध है वर्तमान में यह उत्पादक का भी एक बहुत बड़ा केंद्र बन गया है बीकानेर में पुरातात्विक दृष्टि से बीकाजी की टेकरी का भव्य किला, लक्ष्मी नारायण मंदिर, भंडासर जैन मंदिर, संग्रहालय, नागणेची का मंदिर, देवकुंड सागर में प्राचीन शासकों की छतरियां, लालगढ़ महल और शिवबाड़ी प्रसिद्ध महत्वपूर्ण स्थल है बीकानेर से कुछ दूर स्थित देशनोक में स्थित करणी माता का रूप के लिए प्रसिद्ध मंदिर है बीकानेर शहर से लगभग 32 किमी दूर स्थित गजनेर बग्गी महलों की सुंदरता और प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है।

बीकानेर का प्राचीन नाम

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बीकानेर जंगल प्रदेश में वर्तमान समय में बीकानेर जोधपुर और नागौर शामिल है इन की राजधानी अहिच्छत्रपूर थी इसे वर्तमान में नागौर कहते हैं बीकानेर नगर जहां आबाद है वह स्थान कभी राती घाटी के नाम से प्रसिद्ध था।

बीकानेर की भौगोलिक स्थिति

राजस्थान के उत्तर पश्चिम भाग में स्थित एक मरू जिला जो अपनी वैभव और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है।

अक्षांश स्थिति-27°11′ से 30°03′ उत्तरी अक्षांश

देशांतर स्थिति-71°54′ से 74°12′ पूर्वी देशांतर

क्षेत्रफल- बीकानेर शहर का क्षेत्रफल 27244 वर्ग किमी क्षेत्र की दृष्टि से जैसलमेर, बाड़मेर के बाद राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला है।

भौगोलिक उपनाम – ऊंटों का देश, महर्षि कपिल मुनि की तपोभूमि, चूहों का मंदिर

पड़ोसी मुल्क- पाकिस्तान

पड़ोसी जिले- श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर, हनुमानगढ़ और जैसलमेर।

प्रमुख स्थान – बीकानेर, नोखा, कोलायत, लूणकरणसर, खाजूवाला, पूगल, छतरगढ़ और बज्जू

नदियां- बीकानेर जिले में कोई भी नदी नहीं है।

जलाशय/झील- गजनेर, सूरसागर, अनूप सागर, कोलायत मीठे पानी की झील के किनारे महर्षि कपिल मुनि का मंदिर स्थित है लूणकरणसर खारे पानी की जेल जान नमक बनाया जाता है।

जलवायु- यहां की जलवायु शुष्क है गर्मियों में लू भरी आंधियां चलती है तापमान 39 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है सर्दियों में तापमान जमाव बिंदु तक चला जाता है जिले की सामान्य वर्षा 26.37 डिग्री है।

मिट्टी- बीकानेर शहर में रेतीली मिट्टी पाई जाती है।

वनस्पति- यह मरुभीद  वनस्पतियां पाई जाती है खेजड़ी, रोहिडा , बैर, पीपल, खजूर, बबूल, सफेदा, प्रमुख प्रकार  की वनस्पतियां की सामान्य कमी पाई जाती है।

वन्य जीव- भारतीय मृग ब्लैक बक तीतर, चकोरा, लोमड़ी, गीदड़, गिलहरी, जंगली रीछ, शुअर और भी अन्य प्रजाति पाई जाती है।  गजनेर वन्य जीव अभ्यारण प्रसिद्ध है बीकानेर में एक जन्तुआलय भी स्थित है जहां मुकाम, दीयात्रा, देशनोक, जोड़भीड़ और बज्जू में शिकार निषेध क्षेत्र स्थित है।

अभयारण्य- गजनेर वन्यजीव अभयारण्य भी स्थित है। यह अभ्यारण जंगली तीतरों के लिए प्रसिद्ध है।

पशुपालन और डेयरी- नाली, मगरा, पूगल भेड़ की नस्ल यहां बीकानेर में मिलती है यहां की ऊंट प्रसिद्ध है। जोड़ भीड़ बीकानेर में राष्ट्रीय ऊंट अनुसंधान केंद्र स्थित है। बीकानेर में डेयरी संयंत्र कार्यरत है। जिसके अधीन सरदारशहर, लूणकरणसर, बज्जू और छतरगढ़ में अवशीतन केंद्र स्थित है। यहां उर्मूल संस्थान डेयरी दूध विभाग में लगी हुई है।

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